डीजल इंजन अधिक गर्म हो रहा है? यहां 6 प्रमुख कारण और रोकथाम के उपाय दिए गए हैं!
डीजल इंजन में असामान्य रूप से उच्च जल तापमान को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इससे हल्के मामलों में कूलेंट के उबलने और शक्ति में कमी आ सकती है, या फिर गंभीर खराबी जैसे सिलेंडर स्कोरिंग और सिलेंडर हेड गैस्केट जलने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं! आज, हम डीजल इंजन के अधिक गर्म होने के आम कारणों और उनके समाधान के बारे में विस्तार से बता रहे हैं—ताकि आप संचालन संबंधी गलतियों से बच सकें।

1. लंबे समय तक अत्यधिक भार के साथ संचालन
कारण: लगातार अत्यधिक भार के साथ संचालन ईंधन की खपत और ऊष्मा भार में वृद्धि करता है, जिससे कूलेंट तापमान में तेजी से वृद्धि होती है।
उपाय: लंबे समय तक अत्यधिक भार के साथ संचालन से सख्ती से बचें। उपकरण के उपयोग के लिए उचित समय-सीमा और विश्राम अंतराल निर्धारित करें।
2. अपर्याप्त कूलेंट
कारण: कूलेंट का स्तर कम होने से सीधे तौर पर ऊष्मा विकिरण की दक्षता कम हो जाती है, जिससे इंजन अधिक गर्म हो जाता है।
उपाय: रेडिएटर और एक्सपेंशन टैंक में कूलेंट के स्तर की नियमित रूप से जांच करें। योग्य कूलेंट के साथ समय पर भराव करें।

3. शीतलन इकाइयों के बीच हस्तक्षेप
कारण: जब हाइड्रोलिक तेल रेडिएटर और जल रेडिएटर को श्रृंखलाबद्ध व्यवस्था में लगाया जाता है, तो अत्यधिक उच्च हाइड्रोलिक तेल तापमान आने वाली वायु को पूर्वतापित कर देता है, जिससे जल रेडिएटर की प्रभावशीलता कम हो जाती है।
उपाय: हाइड्रोलिक तंत्र के शीतलन प्रदर्शन का निरीक्षण और रखरखाव करें। पारस्परिक हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए रेडिएटर व्यवस्था को अनुकूलित करें।
4. फैन में खराबी
कारण: ढीली फैन बेल्ट या विकृत ब्लेड्स वायु प्रवाह को कम कर देते हैं, जिससे शीतलन क्षमता घट जाती है।
उपाय: नियमित रूप से बेल्ट टेंशन और फैन की स्थिति की जाँच करें। आवश्यकतानुसार गलत हिस्सों को समायोजित या बदल दें।
5. रेडिएटर सतह का अवरुद्ध होना
कारण: मलबे के जमाव से ऊष्मा विकिरण क्षेत्र कम हो जाता है और वायु प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, जिससे ऊष्मा निकासी में बाधा उत्पन्न होती है।
उपाय: रेडिएटर के बाहरी हिस्से को साफ और अवरुद्धतामुक्त रखने के लिए नियमित सफाई दिनचर्या स्थापित करें।

6. शीतलक का खराब संचरण
कारण:
• खराब थर्मोस्टैट: अपर्याप्त खुलना (सामान्य सीमा: 8–10 मिमी) मुख्य सर्किट में शीतलन को सीमित कर देता है।
• कमजोर वॉटर पंप: कूलेंट प्रवाह दर को कम करता है।
• चूने का जमाव: रेडिएटर फिन्स की ऊष्मा स्थानांतरण दक्षता को प्रभावित करता है।
उपाय:
• थर्मोस्टेट के खुलने की नियमित जांच करें; यदि असामान्य हो तो बदल दें।
• ऊपरी और निचले रेडिएटर टैंक के बीच तापमान अंतर मापें (सामान्य सीमा: 6–12°C)। यदि विचलन बहुत अधिक है, तो वॉटर पंप की जांच करें या बदलें।
• उच्च गुणवत्ता वाले कूलेंट का उपयोग करें और चूने के जमाव को रोकने के लिए नियमित रूप से कूलिंग सिस्टम की सफाई करें।
त्वरित रखरखाव टिप
रखरखाव, उचित संचालन और समय पर समस्या निवारण आपके डीजल इंजन को ठंडा और स्थिर चलाए रखने की कुंजी हैं। ठीक करने से बेहतर है रोकथाम!
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